कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहने वाले मुग़ल बादशाह जहांगीर ने काश देश का सबसे छोटा हिल स्टेशन “माथेरान” एक बार देखा होता.. इतिहास में लिखी गई ये बात बदल भी सकती थी.. लेकिन अफसोस, वो थोड़ा जल्दी चले गए और ये हिलस्टेशन बाद में बसा। माथेरान की खोज 1850 में रखी गई थी.
महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले में देश का सबसे छोटा हिल स्टेशन “माथेरान” है. खुशकिस्मती से, दोस्तों के साथ वहां जाने का प्लान बना. माथेरान की ख़ासियत है कि यहां किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश वर्जित है. यकीन मानिये, बाइक कार बसों के हॉरन से दूर भी कुछ हो सकता है, वो भी इतना ख़ूबसूरत, इसका एहसास वहां जाकर ही किया जा सकता है.
माथेरान का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है नेरल स्टेशन जो यहां से 9 किलोमीटर दूर है. वहां आपको टेक्सी मिल जाती है जो माथेरान की एंट्री तक छोड़ती है. बस, वहां से पैदल पैदल जाइये और अगर हमारी तरह बारिश के मौसम में जा रहे हैं तो भीगते हुए, जंगलों और खाइयों के रास्तों से गुज़रते हुए जाइये.
हालांकि नेरल से माथेरान एक टॉय ट्रेन भी चलती है (जो अपना 100 साल का सफर तय कर चुकी है), लेकिन बारिश के दिनों उसे बंद रखा जाता है, तो हम उससे महरूम ही रहे. खैर, पैदल चलकर जाने का भी अपना ही मज़ा रहा.
माथेरान में प्राकृतिक नज़ारों का मज़ा लेने के लिए 38 दृश्य बिंदु (व्यू पॉइंट्स) हैं जहां से वादियों में दूर तक फैली सुंदरता को आंखों में बसाया जा सकता है. एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक जाने का रास्ता ज़ंगलों का है, जो कि बेहद ख़ूबसूरत है. मुझे वाकई ऐसा महसूस हो रहा था जैसे डिस्कवरी का कोई शो चल रहा हो और मैं स्क्रीन से घुसकर अंदर पहुंच गई हूं. जंगल के रास्ते जाते वक़्त आपको अलग अलग पक्षियों की आवाज़ें सुनाई देंगी, और क़िस्मत अच्छी रही (हमारी तरह) तो आप अपने पास से निकलते हुए हिरनों को भी देख सकते हैं.
Ek dum sahi baat kahi aapne..... wakai achhi jagah hai..... mujhe bhi jaana hai... agar aapke pas koi details ho yahan ki to bhejein...pls.
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